पिता पर कविता। Father’s day poem in hindi
बिन बोले हमारे मन की हर बात जो जान लेते हैं,वो पापा ही होते हैं जो जीत कर भी, हमसे हार मान लेते हैं कितना करते हमारे लिए पर नहीं कभी जताते हैं,लाख उलझनें मन में रख, हमारी हर उलझन सुलझाते हैं लगे खरोच या हो दुर्घटना हम तो बस माँ-माँ ही चिल्लाते हैं,बिन कहे फ़िर भी पापा सब काम छोड़ चले आते हैं पिता … Continue reading पिता पर कविता। Father’s day poem in hindi